दसई~~ प्रशासन द्धारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुनसान पड़ा मंडी परिसर~~
जगदीश चौधरी खिलेडी 6261395702~~
दसई~~ प्रशासन द्धारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुनसान पड़े मंडी परिसर में फसलों की फिर से खरीदी बिक्री शुरू करने के लिए व्यापारियों की मंडी अधिकारी ने बैठक ली मंडी परिसर में छोटी-मोटी कमियों को दूर करने के साथ ही फसलों को गांव में नहीं खरीदने की हिदायत व्यापारियों को दी गई।अन्य वजहों के साथ ही व्यापारियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात भी सामने आई। मंडी नहीं चलने की एक वजह व्यापारियों द्वारा अधिक भाव में मंडी से बाहर खरीदी करके किसानों के साथ धोखाधड़ी करना भी है जिस पर मंडी प्रशासन ने सख्ती से रोक लगाने की बात कही किसानों को उपज का उचित मूल्य नगद मिलने और दसई से बाहर की मंडियों में जाकर फसलें बेचने की मजबूरी को दूर करने के लिए शासन ने लगभग 19 साल पहले दसई में कृषि उप मंडी आरंभ की ।धीरे-धीरे सुविधाओं में बढ़ोतरी हुई मगर कपास की फसल के क्षेत्र से विदा होते ही मंडी परिसर लगभग सुना सा हो गया। केवल थोड़ी बहुत चहल-पहल सोयाबीन और गेहूं के सीजन में नजर आती रही मगर न तो इससे किसानों का भला हुआ नहीं शासन का उद्देश्य पूरा हुआ।
पिछले कई सालों से तो मंडी परिसर लगभग वीरान ही नजर आ रहा है। कई बार प्रशासनिक स्तर पर भी मंडी को चलाने की जुगत हुई मगर दो-चार दिन से अधिक अच्छे परिणाम नहीं रहे। यहां यह उल्लेख करना उचित होगा कि पिछले वर्ष स्थानीय व्यापारी द्वारा फसल खरीदने के बाद भुगतान नहीं करने पर पुलिस प्रकरण दर्ज हुआ था इस वजह से भी किसान मंडी के बाहर अपना माल बेचते नजर आए। कुल मिलाकर करोड़ों खर्च के बाद भी उचित नतीजा नहीं निकला।
आगामी रबी सीजन में गेहूं आदि की फसलों के बम्पर उत्पादन को देखते हुए स्थानीय उप मंडी का नियमित एवं व्यवस्थित संचालन जरूरी है।पिछले दिनों मंडी सचिव रेशम मंडलोई के साथ कार्यालय अधीक्षक हरिशंकर जोशी ने मंडी व्यापारियों की बैठक ली। बैठक में किसानों से मंडी के बाहर फसल नहीं बेचने की अपील की गई वहीं व्यापारियों द्वारा ऐसा करने पर सख्ती से कार्रवाई की बात कही।मंडी परिसर में जरूरी सुविधाओं को बहाल करने और बिना लाइसेंस खरीदी कर रहे व्यापारियों को लाइसेंस के लिए भी कहा गया। कुल मिलाकर अगर मंडी एक बार फिर से चल जाती है तो किसानों को नगद राशि मिलने और व्यापारियों के व्यापार की बढ़ोतरी तो होगी ही दसई के चौपट हो रहे अन्य व्यवसायों को भी फिर से गति मिलेगी।
जब इस बारे में स्थानीय किसानों से चर्चा की गई तो उनका कहना है की अगर मंडी में फसलों की खरीदी का नगद भुगतान होता है तो हमें बाहर माल ले जाकर बेचने की क्या जरूरत है पर व्यापारियों द्वारा धोखाधड़ी नहीं होना चाहिए।
जिम्मेदार का कहना है
इस मामले में मंडी सचिव रेशम मंडलोई और अधीक्षक जोशी का कहना था कि किसान मंडी में लाकर अपना माल व्यापारी को बेचता है तो उसको संरक्षण और उसके भुगतान की जवाबदारी मंडी प्रशासन की रहेगी।किसान अपना माल मंडी के बाहर नहीं बेचे।
Home
धार
दसई~~ प्रशासन द्धारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुनसान पड़ा मंडी परिसर~~
जगदीश चौधरी खिलेडी 6261395702~~
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post A Comment:
0 comments: