झाबुआ~आवारा मवेशियों को लेकर सोश्यल मीडिया पर लोगो का फुटा गुस्सा-एक ओर हादसे का इंतजार कर रही नगर पालिका~~
झाबुआ। संजय जैन~~
बिते दिनो 4 अगस्त मंगलवार की रात्रि को हुये दो सांडो की लडाई में नगर में प्रतिष्ठित व्यक्ति के पुत्र शैलेन्द्र सक्तावत की आकस्मिक मौत हो गई। जिस पर से नगर पालिका के द्वारा दिखावे की कार्यवाही करने के लिये अगले ही दिन से सिर्फ खानापूर्ति के लिये आवारा मंवेशियो की धरपकड शुरू की। लेकिन उसके बाद से कोई कार्यवाही अभी तक नजर नही आ रही है।
-जूं तक नही रेगी नगर पालिका के कानो पर ......
सांड-सांड की लडाई में बागड का नुकसान कहावत इन दिनो झाबुआ नगर मे चरितार्थ हो रही है। पिछले कई वर्षो से मीडिया ने अखबारो एवं सोश्यल मीडिया के माध्यम से नगर में घूम रहे आवारा मवेशियो के बारे मे वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया था ओर वही कई बार इस माामले को उठाया भी है। कई संगठनो ने जनसुनवाई ओर नगर पालिका मे आवेदन दिए कि आवारा मवेशियो की धरपकड की जाए लेकिन नगर पालिका के कानो पर जूं तक नही रेगी ओर इस लापरवाही का खामियाजाा एक परिवार के लाल को खो कर चुकानी पडी।
-क्या नगर पालिका एक ओर हादसे का इंतजार कर रही है.....?
मंगलवार से लेकर अभी तक हुई कार्यवाही में महज कुछ ही आवारा मवेशियो का पकड कर नगर पालिका ने अपने कार्य की इतिश्री कर ली है। वही गुरूवार रात्रि की अगर बात की जाये तो उत्कृष्ट सडक पर जहां मंगलवार को दो सांडो की लडाई में एक बडा हादसा हुआ था। वही उसी जगह फिर सांडो को जमावडा देखा गया जिस पर से सांडो की एक बार फिर भिंडत हो रही थी। जिसे वहां के लोगो के द्वारा अपने मोबाईल में कैद कर विडियो बनाये गये ओर सोश्यल मीडिया पर डाले गये। वही लोगो के द्वारा उनके गुस्से को भी जाहिर किया गया कि आखिरकार नगर पालिका किन कारणो से इन आवारा मवेशियो को नही पकड रही है.....? क्या इसके बाद एक ओर हादसे का इंतजार कर रही है.....? कि कही एक ओर परिवार अपने लाल को खोये फिर उसके बाद कार्यवाही होगी ।
-अब सडको पर घुमने से भी एक डर का माहौल .....
लेोगो के गुस्सा दिनो दिन बढता जा रहा है वही लोगो को अब सडको पर घुमने से भी एक डर का माहौल सा बन चुका है। इससे पहले कि कोई एक बडा हादसा हो नगर पालिका को इस ओर सख्त कदम उठाकर आवारा मवेशियो को जल्द से जल्द पकडकर इनसे नगर को मुक्त कराना होगा ताकि आगे कोई बडा हादसा ना हो सके।
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