*बड़वानी /मोहिपुरा~नर्मदा जयंती के उपलक्ष्य में प्रारंभ हुई श्री नर्मदा महापुराण कथा*~~
सभी को जोड़कर ,परपीड़ा निवारण धर्म का मुख्य लक्षण~~
धर्म जोड़ता है तोड़ता नही~~
मा नर्मदा जयंती के उपलक्ष्य में ग्राम मोहिपुरा पुनर्वास स्थल स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल के पास समस्त ग्राम वासियों व माँ रेवा आश्रम समिति द्वारा श्रीनर्मदा महापुराण कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुआ जहां साध्वी श्री अखिलेश्वरी दीदी मां ने कथा से पहले कुल ,धर्म आध्यात्म का महत्व बताते हुए कहा कि धर्म जोड़ता है तोड़ता नही ,व्यक्ति कुल से नही कर्मो से महान व पूजनीय बनता है । इसीलिए कर्मो से प्रयत्न करें कि हम एकजुट रहने जैसे कार्य करते हुए अखंड राष्ट्र का निर्माण करें ।
दीदी मां ने महात्म्य के प्रारम्भ में भगवान शंकर को माँ नर्मदा महापुराण का रचयिता बताते हुए कहा कि ऋषि मार्कण्डेय जी ने युधिष्ठिर को सुनाया व परीक्षित के पुत्र ने ऋषि पाराशर से महिमा को जाना। उन्होंने ने कहा कि स्कंद पुराण का सम्पूर्ण रेवाखंड भाग माँ नर्मदाजी को समर्पित है। जिसमें माँ की विशालता, प्रागट्य, उद्गम प्रवाह महत्व आदि का वर्णन है।
दीदी मां ने कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि
कथा संकल्प किसी व्यक्तिगत लाभ या स्वार्थ के कारण नही होकर सभी के कल्याण के लिए है सभी तरह के व्यक्ति साथ ही एक स्थान पर बैठ कर श्रवण करने के अधिकारी है , क्योकि धर्म का मुख्य लक्षण ही सभी को एक साथ जोड़कर परपीड़ा निवारण करना है । पर आज स्थिति इसके विपरीत होने से राष्ट्र की अखंडता को हानि हो रही है जाति ,धर्म ने समाज व देश को बांट दिया जिससे राष्ट्र की एकता टूट रही है हमें एकजुट होने की आवश्यकता है
दीदीमां ने कथा को विस्तार देते हुए व श्रीराम मन्दिर निर्माण निधि समर्पण के लिए अनुरोध करते हुए कहा कि आज उस मन्दिर निर्माण के लिए निधि समर्पित करने वाले सभी जाति ,वर्ग विशेष के व्यक्ति है उन्हें इस महान कार्य सेवा समर्पण के लिए कोई नही रोक नही रहा । फिर क्यो धर्म के नाम पर ही आपसी विवाद हो जाते है ? जबकि कि आज हमारे भारत की शक्ति , ताकत, बुद्धि सनातन संस्कृति , परम्परा , योग के सामने पूरी दुनिया नतमस्तक होती है ।
कथा समिति ने अनुरोध करते हुए कहा कि
12 से 18 फरवरी तक होने वाली इस कथा का समय दोपहर 12 से 4 बजे तक रहेगा जहां सभी भक्त धर्म लाभ व कथा श्रवण हेतु आमंत्रित है।
अनमोल समाचार
लक्ष्मण राणावत
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*बड़वानी /मोहिपुरा~नर्मदा जयंती के उपलक्ष्य में प्रारंभ हुई श्री नर्मदा महापुराण कथा*~~
सभी को जोड़कर ,परपीड़ा निवारण धर्म का मुख्य लक्षण~~
धर्म जोड़ता है तोड़ता नही~~
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