धार~पिछले साल से 100 मिमी अधिक वर्षा, अभी भी तालाबों में आवक नहीं ~~
खेंच की आशंका के मद्देनजर पेयजल को लेकर दूसरे तालाबों से पानी लाने पर विचार ~~
सीएमओ ने किया तालाबों का निरीक्षण, दिलावरी से 8 किमी दूर जामनिया डेम से पानी लाने की संभावनाएं खोजी ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )।
जुलाई का महीना समाप्ति की और है। अभी तक जिले में मानसून पूर्ण रूप से सक्रिय नहीं हो पाया है। जिले में अब तक 292 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इसकी पिछले साल की बारिश से तुलना की जाए तो करीब 100 मिमी बारिश अधिक हो चुकी है। साल-दर-साल के बारिश के प्रदर्शन के आधार पर पानी गिरने का आंकड़ा बेहतर होने के बावजूद धार शहर के पेयजल स्त्रोत तालाबों में आवक नहीं हुई है। मानसून की खेंच की स्थितियों को देखते हुए पेयजल आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए नगरपालिका अभी से तैयारियों में जुट गई है। नगरपालिका क्षेत्र से 8-10 किमी दूर भरपूर पानी के आवक वाले तालाब से पानी लाने की संभावनाओं को खोजा जा रहा है।
लबालब ग्रामीण तालाबों से पानी लाने पर विचार
शुक्रवार को नगरपालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला ने धार नगरपालिका क्षेत्र में पेयजल स्त्रोत के तालाबों का निरीक्षण किया। तालाबों में पानी की कम आवक को देखकर भविष्य में पेयजल आपूर्ति को लेकर पीएचई कर्मचारियों के साथ चर्चा की। इस दौरान दिलावरा तालाब से करीब 8-10 किलोमीटर दूर सलकनपुर के छोटा जामनिया डेम में भरपूर पानी होने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने जामनिया तालाब का भ्रमण किया। यहां से दिलावरा तालाब तक पानी लाने की संभावनाओं को खोजा गया। हालांकि तालाब से तालाब तक इतनी लंबी लाईन बिछाने में लाखों रूपए खर्च होंगे। इसमें समय भी लगेगा, किंतु तालाब निरीक्षण के पश्चात आपातकालीन स्थितियों में इस तालाब से पानी लेने को भी विचारार्थ रखा गया है। दरअसल यहां से पानी लेने के लिए ना सिर्फ लाईन बिछाना पड़ेगी, बल्कि जल संसाधन विभाग से भी पानी लेने के लिए अनुमति लगेगी। इसमें भी निकाय का पैसा खर्च होगा।
अगस्त तक का पानी शेष
फिलहाल धार शहर के दो प्रमुख पेयजल उपयोग के तालाब दिलावरा और सीतापाट में वर्तमान में इतना पानी है कि अगस्त के पहले पखवाड़े तक शहर में पानी सप्लाय किया जा सके। इधर जुलाई के अंत तक मानसून पूर्ण रूप से सक्रिय होने की स्थिति है। इसके बावजूद मानसून खेंच की संभावनाओं को लेकर अन्य व्यवस्थाओं पर फोकस किया जा रहा है। इसके तहत निजी नलकूप का अधिग्रहण सहित तमाम प्रयास को प्लानिंग में रखा गया है।
इनका कहना है
ईश्वर से प्रार्थना है कि मानसून पूर्ण सक्रिय हो जाए और हमारे पेयजल स्त्रोत तालाबों में लबालब पानी हो जाए। इसके बावजूद पेयजल आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए अलग-अलग प्लान पर काम किया जा रहा है। इसी के तहत छोटा जामनिया तालाब का भ्रमण किया है। इससे पानी लेने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस तरह की स्थितियां नहीं बनेगी। बारिश के कारण तालाबों में पानी जा आएगा। फिलहाल अगस्त तक हमें कोई चिंता नहीं है।
निशिकांत शुक्ला, सीएमओ नपा धार
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धार~पिछले साल से 100 मिमी अधिक वर्षा, अभी भी तालाबों में आवक नहीं ~~
खेंच की आशंका के मद्देनजर पेयजल को लेकर दूसरे तालाबों से पानी लाने पर विचार ~~
सीएमओ ने किया तालाबों का निरीक्षण, दिलावरी से 8 किमी दूर जामनिया डेम से पानी लाने की संभावनाएं खोजी ~~
धार ( डॉ. अशोक शास्त्री )।
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